
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने अपने पूर्व खिलाड़ियों के लिए पेंशन स्कीम की शुरुआत की है। यह योजना उन क्रिकेटरों के लिए है जिन्होंने भारत की तरफ से इंटरनेशनल मैच खेले हैं या लंबे समय तक डोमेस्टिक क्रिकेट में योगदान दिया है। हाल ही में कई दिग्गज खिलाड़ियों ने संन्यास लिया है और अब इस लिस्ट में चेतेश्वर पुजारा का नाम भी जुड़ गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्रिकेटरों को रिटायरमेंट के बाद कितनी पेंशन मिलती है और क्या यह राशि हर साल बढ़ती है?
कितनी होती है पेंशन?
🌟बीसीसीआई की स्कीम के अनुसार खिलाड़ियों की पेंशन उनके मैच और खेल के स्तर के आधार पर तय होती है।
- टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों की पेंशन को ₹37,500 से बढ़ाकर ₹60,000 प्रतिमाह कर दिया गया है।
- फर्स्ट-क्लास खिलाड़ियों की पेंशन ₹15,000 से बढ़ाकर ₹30,000 प्रतिमाह कर दी गई।
- वहीं सीनियर प्लेयर्स, जिन्हें पहले ₹50,000 पेंशन मिलती थी, अब उन्हें ₹70,000 प्रतिमाह दिए जा रहे हैं।
💫कब बढ़ती है राशि?
क्रिकेटरों की पेंशन हर साल स्वतः नहीं बढ़ती। BCCI समय-समय पर समीक्षा करके इसमें इजाफा करता है। इसका मुख्य कारण यह है कि पूर्व खिलाड़ियों को महंगाई और बदलते दौर में आर्थिक परेशानी का सामना न करना पड़े।
उम्र का भी असर
पेंशन की राशि पर खिलाड़ी की उम्र का भी असर पड़ता है। जैसे-जैसे खिलाड़ी की उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे उनकी पेंशन में भी इजाफा किया जाता है। उदाहरण के लिए, जो खिलाड़ी 60 साल की उम्र पार कर चुके हैं, उन्हें पहले से अधिक पेंशन दी जाती है।
किसे मिलता है फायदा?
इस स्कीम का लाभ केवल इंटरनेशनल क्रिकेटर्स, डोमेस्टिक लेवल पर लंबे समय तक खेलने वाले क्रिकेटर, महिला खिलाड़ी, अंपायर और कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को भी मिलता है।
👉 साफ है कि बीसीसीआई की यह योजना पूर्व क्रिकेटरों के आर्थिक भविष्य को सुरक्षित करने के लिए है। हालांकि पेंशन हर साल अपने आप नहीं बढ़ती, लेकिन समय-समय पर बढ़ाकर खिलाड़ियों को राहत जरूर दी जाती है।
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