बेतुलहब न्यूज विशेष रिपोर्ट:
भारत में कच्चे तेल के आयात मूल्य में पिछले पांच वर्षों की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। पहली बार अगस्त 2021 के बाद क्रूड ऑयल की कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे पहुंच गई है। इससे आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल के दामों में राहत मिल सकती है।
हाइलाइट्स:
- कच्चे तेल का औसत मूल्य घटकर 69.39 डॉलर प्रति बैरल हुआ
- पिछले साल की तुलना में कीमतों में 22% की कमी
- ग्लोबल स्लोडाउन और ट्रेड वॉर के चलते क्रूड डिमांड घटने की संभावना
- भारत अपनी जरूरत का 87% से ज्यादा कच्चा तेल आयात करता है
- तेल कंपनियों के पास अब पेट्रोल-डीजल सस्ता करने का विकल्प मौजूद

रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को ब्रेंट क्रूड की कीमत 65 डॉलर से नीचे पहुंच गई। वहीं, शुक्रवार को भारत द्वारा आयातित कच्चे तेल की औसत कीमत 69.39 डॉलर प्रति बैरल रही, जो अप्रैल 2023 में 89.44 डॉलर थी। ये गिरावट तेल उपभोक्ताओं के लिए राहत का संकेत मानी जा रही है।
एचटी और रायटर्स की रिपोर्ट्स बताती हैं कि वैश्विक मंदी और ट्रेड वॉर जैसे कारकों की वजह से क्रूड की मांग में कमी आ रही है। गोल्डमैन सैक्स ने 2025 तक क्रूड की औसत कीमत 63 डॉलर प्रति बैरल रहने का अनुमान जताया है। ओपेक ने भी 2025-26 के लिए डिमांड ग्रोथ के अनुमानों में कटौती की है।
भारत में तेल कंपनियां लगभग 90% लागत कच्चे तेल पर खर्च करती हैं और देश में 87% कच्चा तेल आयात किया जाता है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हाल में बताया था कि कंपनियों के पास 45 दिन का स्टॉक है, जिसकी औसत लागत 75 डॉलर प्रति बैरल है। अगर कीमतें 60-65 डॉलर के बीच आती हैं, तो कंपनियां पेट्रोल-डीजल के दामों में कटौती कर सकती हैं।
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