विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस कांफ्रेंस में पाकिस्तान के झूठ का किया पर्दाफाश
1947 में जम्मू-कश्मीर पर हमले से लेकर UN में झूठ बोलने तक का जिक्र
ऑपरेशन सिंदूर में भारत की कार्रवाई को बताया आतंकवाद विरोधी अभियान
पाक के नागरिक हानि के दावों को बताया आतंकियों को बचाने की चाल
भारत ने दी कड़ी चेतावनी: अगर बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया तो परिणाम भुगतने होंगे
➡️ न्यूज़ आर्टिकल :
पाकिस्तान का झूठ एक बार फिर बेनकाब हुआ है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने गुरुवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलकर पाकिस्तान की फरेबी रणनीतियों का पर्दाफाश किया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान न केवल दुनिया को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है, बल्कि भारत की जवाबी कार्रवाई को भी गलत तरीके से पेश कर रहा है।

मिसरी ने कहा, “पाकिस्तान के डीएनए में झूठ है। 1947 में जम्मू-कश्मीर पर हमले के समय भी पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में यह कहकर झूठ बोला था कि उसका इस हमले से कोई संबंध नहीं। जबकि असलियत यह है कि पाकिस्तान ने ही कबायली लड़ाकों को भेजकर हमला करवाया था।”
1947 का साजिशन हमला
भारत की आजादी के कुछ ही महीनों बाद पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर को हड़पने की साजिश रची। 22 अक्टूबर 1947 को हजारों की संख्या में कबायली लड़ाकों को पाकिस्तान ने हथियारों से लैस कर घाटी में भेजा। इन लड़ाकों ने बारामूला जैसे क्षेत्रों में लूटपाट, हत्याएं और अत्याचार किए। यह पूरी योजना पाक सेना के समर्थन से ही चली थी।
UN में पाकिस्तान का झूठा ड्रामा
जब भारत ने पलटवार किया और जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने भारत में विलय किया, तब पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर झूठी कहानी गढ़ी। उसने UN में कहा कि यह हमला एक स्थानीय विद्रोह है, जबकि भारत ने सबूतों के साथ पाकिस्तान की संलिप्तता उजागर की।
ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की दो टूक
विक्रम मिसरी ने साफ किया कि ऑपरेशन सिंदूर केवल आतंकवादी ठिकानों पर केंद्रित था और किसी आम नागरिक को नुकसान नहीं हुआ। उन्होंने पाकिस्तान के नागरिक हानि के दावों को खारिज करते हुए कहा, “यह सिर्फ अपने आतंकी नेटवर्क को बचाने की नाकाम कोशिश है।”
भारत की चेतावनी
नीलम-झेलम परियोजना पर हमले के पाकिस्तान के आरोपों को भी मिसरी ने सिरे से नकारा और दो टूक कहा, “अगर पाकिस्तान भारत के बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है, तो इसका जवाब उसे तैयार रहकर लेना होगा।”
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