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योगी आदित्यनाथ ने लखीमपुर-खीरी में शारदा नदी के चैनलाइजेशन प्रोजेक्ट का जायजा लिया।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दावों में कहा जा रहा है कि सिंधु नदी का पानी शारदा में डायवर्ट होगा।
शारदा और सिंधु नदियों का आपस में कोई संबंध नहीं है।
शारदा नदी में चैनलाइजेशन से बाढ़ नियंत्रण की योजना।
जानें, शारदा नदी का चैनलाइजेशन और इसके फायदे।
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को लखीमपुर-खीरी जिले के पलिया क्षेत्र में थे, जहां उन्होंने एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान, योगी आदित्यनाथ ने पाकिस्तान को निशाने पर लेते हुए शारदा नदी में चल रहे ड्रेजिंग और चैनलाइजेशन कार्य का जायजा लिया। इसके बाद, सोशल मीडिया पर यह दावा किया गया कि सिंधु नदी का पानी शारदा नदी में डायवर्ट किया जा सकता है, जो पूरी तरह से गलत और भ्रामक है।

क्या है शारदा नदी का चैनलाइजेशन प्रोजेक्ट? पिछले साल आई भीषण बाढ़ के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने शारदा नदी के चैनलाइजेशन और ड्रेजिंग कार्य को मंजूरी दी थी। इस परियोजना पर कुल 22 करोड़ रुपये की लागत आएगी। पलिया शारदा पुल से सात किमी तक नदी के ड्रेजिंग कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। इस कार्य के बाद, इस क्षेत्र और आसपास के जिलों को बाढ़ से राहत मिलेगी।
क्यों जरूरी था शारदा नदी का चैनलाइजेशन? शारदा नदी, जो नेपाल से निकलती है, हर साल उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में बाढ़ का कारण बनती है। लखीमपुर-खीरी, निघासन, पलिया, और धौरहरा क्षेत्रों में बाढ़ विकराल रूप ले लेती है। इसके समाधान के लिए नदी की ड्रेजिंग और चैनलाइजेशन की योजना बनाई गई है, जिसमें सात किलोमीटर लंबा चैनल बनाया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर क्यों चर्चा में आई शारदा नदी? योगी आदित्यनाथ के दौरे के दौरान शारदा नदी के चैनलाइजेशन कार्य की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। कुछ लोग इसे सिंधु नदी के पानी को शारदा नदी में डायवर्ट करने की योजना से जोड़ रहे थे। लेकिन यह दावा पूरी तरह से गलत है क्योंकि सिंधु नदी और शारदा नदी का आपस में कोई संबंध नहीं है।
क्या सिंधु नदी का पानी शारदा में डायवर्ट हो सकता है? सिंधु नदी का पानी शारदा नदी में डायवर्ट करने का दावा न केवल भ्रामक है, बल्कि यह तकनीकी रूप से भी असंभव है। सिंधु नदी, जो तिब्बत से निकलकर पाकिस्तान और भारत से होते हुए अरब सागर में गिरती है, और शारदा नदी, जो भारत-नेपाल सीमा से निकलती है, दोनों नदियों का मार्ग और स्रोत बिल्कुल अलग हैं। इन दोनों को आपस में जोड़ने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
निष्कर्ष: शारदा नदी में चल रहे चैनलाइजेशन कार्य का उद्देश्य बाढ़ नियंत्रण है, और इसका पाकिस्तान की सिंधु नदी से कोई संबंध नहीं है। सोशल मीडिया पर फैल रहे अफवाहों पर विश्वास करने से बचें और सही जानकारी को साझा करें।
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