हाइलाइट्स:
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को किया निलंबित।
पाकिस्तान ने विवादास्पद चोलिस्तान नहर परियोजना को रोकने का फैसला किया।
सिंध प्रांत में नहर परियोजना को लेकर हुआ भारी विरोध।
शहबाज शरीफ और बिलावल भुट्टो ने आपसी सहमति से लिया बड़ा निर्णय।
बिना प्रांतीय सहमति के अब पाकिस्तान में कोई नई नहर नहीं बनेगी।

भारत ने निलंबित की सिंधु जल संधि, पाकिस्तान को चोलिस्तान नहर परियोजना रोकनी पड़ी
नई दिल्ली/इस्लामाबाद।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। भारत के इस बड़े कदम के बाद पाकिस्तान की प्रतिक्रिया जानकर आप भी चौंक जाएंगे। पाकिस्तान ने विवादित चोलिस्तान नहर परियोजना को फिलहाल रोकने का निर्णय लिया है। जब पानी का प्रवाह ही खतरे में हो, तो नहर निर्माण का औचित्य भी सवालों में आ जाता है।
सिंध में मचा बवाल
चोलिस्तान परियोजना का उद्घाटन फरवरी में सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने किया था। इसका मकसद पंजाब के रेगिस्तानी इलाकों को सिंचित करना था। लेकिन सिंध प्रांत में इस परियोजना के खिलाफ जबरदस्त विरोध हुआ। खास बात यह रही कि विरोध करने वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP), केंद्र में सत्तारूढ़ गठबंधन में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के साथ है।
शरीफ और बिलावल एक सुर में
भारत द्वारा सिंधु जल संधि निलंबन के ऐलान के बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और PPP प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी के बीच अहम बैठक हुई। दोनों नेताओं ने आपसी सहमति से चोलिस्तान नहर परियोजना को रोकने पर सहमति जताई। अब यह निर्णय लिया गया है कि प्रांतों के बीच सर्वसम्मति बनने तक इस परियोजना पर कोई काम आगे नहीं बढ़ेगा।
आपसी सहमति के बिना नहीं बनेगी नई नहर
डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री शरीफ ने संवाददाताओं से बातचीत में बताया कि PPP और PML-N ने भारत के ताजा फैसले के मद्देनजर आपसी सहमति से यह निर्णय लिया है। जब तक काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स जैसे उच्च स्तरीय निकाय में राज्यों के बीच सर्वसम्मति नहीं बनती, तब तक पाकिस्तान में कोई नई नहर परियोजना शुरू नहीं होगी।
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