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ओवैसी का बड़ा बयान: सिंधु जल संधि निलंबन का स्वागत, पूछा – पाकिस्तान को पानी नहीं देंगे तो कहां स्टोर करेंगे?
नई दिल्ली। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार की सख्त प्रतिक्रिया का समर्थन किया है। उन्होंने पाकिस्तान को अब ठोस और निर्णायक जवाब देने की जरूरत बताई है।

ओवैसी ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने के सरकार के फैसले को साहसिक कदम बताया, लेकिन साथ ही यह अहम सवाल भी उठाया कि “अगर पाकिस्तान को पानी नहीं देंगे, तो उसे कहां स्टोर करेंगे?”
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों को शरण मिलती है और अब भारत को किसी भी प्रकार की दुविधा के बिना कड़ा एक्शन लेना चाहिए।
ओवैसी ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून भारत को आत्मरक्षा में वायु और समुद्री नाकेबंदी करने का अधिकार देता है। साथ ही उन्होंने हथियारों की बिक्री पर प्रतिबंध जैसे कड़े कदम उठाने की भी सलाह दी।
हालांकि, ओवैसी ने बेसरान घास के मैदान में CRPF की अनुपस्थिति और QRT (त्वरित प्रतिक्रिया दल) के एक घंटे की देरी से पहुंचने पर गंभीर सवाल उठाए।
उन्होंने इस हमले को “टारगेटेड और सांप्रदायिक” करार देते हुए कहा, “हमलों के दौरान लोगों से उनका धर्म पूछकर गोली मारी गई। ये सामान्य आतंकवाद नहीं, सांप्रदायिक हिंसा है।”
इसके साथ ही उन्होंने कश्मीरियों और घाटी के छात्रों के खिलाफ झूठे प्रचार को बंद करने की अपील की और निर्दोषों को निशाना न बनाने पर जोर दिया।
बैठक में शामिल रहे जेपी नड्डा, एस जयशंकर, किरण रिजिजू, मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने भी आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी TRF (The Resistance Front) ने ली थी, जो पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा माना जाता है।
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