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ट्रंप का नया रुख: टॉप 15 अर्थव्यवस्थाओं से ही व्यापार वार्ता, भारत भी शामिल
हाइलाइट्स:
- अमेरिका ने रेसिप्रोकल टैक्स लगाकर दुनिया में मचाया था हलचल
- चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ युद्ध ने बढ़ाया वैश्विक तनाव
- ट्रंप ने कहा – “सबका दुखड़ा नहीं सुन सकते”, अब सिर्फ टॉप-15 से ही करेंगे बातचीत
- भारत समेत टॉप 15 देशों को दी व्यापारिक वार्ता में प्राथमिकता
- वैश्विक बाजार में गिरावट के बाद अमेरिका ने 90 दिनों के लिए टैरिफ पर रोक लगाई

समाचार विस्तार से:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि अब अमेरिका केवल शीर्ष 15 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं से ही व्यापार वार्ता करेगा। उनका बयान था – “सबका दुखड़ा नहीं सुन सकते।” यह बयान तब आया जब ट्रंप के रेसिप्रोकल टैक्स (प्रतिस्थापन शुल्क) ने दुनिया भर में आर्थिक हलचल मचा दी थी।
इसी महीने 2 अप्रैल को लागू किए गए इस टैक्स से चीन सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ। हालांकि, इसके बाद ट्रंप प्रशासन ने इस योजना पर 90 दिनों के लिए विराम लगा दिया। फिर भी चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर तनाव बना हुआ है। अमेरिका ने चीन पर कुल 245% तक टैरिफ लगाया, जबकि जवाब में चीन ने 125% तक टैक्स लगा दिया है।
अब अमेरिका की रणनीति में बदलाव देखा जा रहा है। व्हाइट हाउस में इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के साथ बैठक के दौरान अमेरिकी वित्त सचिव स्कॉट बेसेन्ट ने ऐलान किया कि अमेरिका सिर्फ टॉप 15 देशों से ही बातचीत करेगा।
कौन हैं टॉप-15 अर्थव्यवस्थाएं?
इनमें शामिल हैं: अमेरिका, चीन, जापान, जर्मनी, भारत, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, इटली, ब्राजील, कनाडा, रूस, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, स्पेन और मैक्सिको।
इन देशों का चयन GDP (सकल घरेलू उत्पाद) के आधार पर किया गया है और ये वैश्विक अर्थव्यवस्था में सबसे अहम भूमिका निभाते हैं। इनमें से चार देश यूरोपीय संघ के सदस्य भी हैं।
अब देखना होगा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में इस नीति का क्या प्रभाव पड़ता है।
अगर चाहो तो इसे छोटे सोशल मीडिया कैप्शन या थ्रेड में भी बदल सकता हूँ.
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