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भारत-बांग्लादेश ट्रेड वॉर: ट्रांसशिपमेंट सुविधा खत्म होने पर बांग्लादेश ने सूत आयात पर लगाई पाबंदी
बैतूलहब न्यूज डेस्क | 18 अप्रैल 2025
भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापारिक संबंधों में नया मोड़ आ गया है। हाल ही में भारत द्वारा बांग्लादेश को दी गई ट्रांसशिपमेंट सुविधा समाप्त करने के बाद अब बांग्लादेश ने भी भारत से लैंड पोर्ट के ज़रिए सूत के आयात पर रोक लगाने का फ़ैसला किया है।
यह टकराव उस वक्त और बढ़ा जब बांग्लादेश के अंतरिम सरकार प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने चीन यात्रा के दौरान पूर्वोत्तर भारत को लेकर विवादित बयान दिया। उनके अनुसार, “भारत के सेवन सिस्टर्स राज्य लैंडलॉक्ड हैं और उनके लिए बांग्लादेश अभिभावक की भूमिका निभाता है।”

मुख्य बिंदु (Highlights):
- भारत ने बांग्लादेश की ट्रांसशिपमेंट सुविधा 2020 से वापस ली, जिससे बांग्लादेश भारतीय बंदरगाहों का इस्तेमाल तीसरे देश में निर्यात के लिए नहीं कर पाएगा।
- जवाब में बांग्लादेश ने भारत से सूत के लैंड रूट आयात पर रोक लगा दी है।
- बांग्लादेश की टेक्सटाइल इंडस्ट्री में निर्यातकों ने इस फैसले का विरोध किया है, वहीं कुछ स्थानीय उद्यमी इसके समर्थन में हैं।
- भारतीय निर्यातकों को बड़ा झटका, क्योंकि बांग्लादेश भारत का सबसे बड़ा सूत खरीदार है।
- विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला बांग्लादेश के लिए ही भारी पड़ सकता है, क्योंकि इससे नौकरियों पर असर पड़ेगा और चीन को लाभ होगा।
भारत की प्रतिक्रिया:
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि ट्रांसशिपमेंट सुविधा बंद करने का कारण एयरपोर्ट और बंदरगाहों पर बढ़ती भीड़ और लागत में इज़ाफा था। वहीं भारतीय टेक्सटाइल इंडस्ट्री के अनुसार, इससे 1.6 अरब डॉलर के सूत निर्यात पर सीधा असर पड़ेगा।
बांग्लादेश का कदम और उसका असर:
बांग्लादेश के नेशनल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (NBR) ने अधिसूचना जारी कर बेनापोल, भोमरा, बांग्लाबंधा, बरीमारी और सोनामस्जिद लैंड पोर्ट से सूत के आयात पर रोक लगा दी। कई निर्यातकों ने इसे बांग्लादेश के टेक्सटाइल सेक्टर के लिए नुकसानदायक बताया है।
विश्लेषण:
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के प्रमुख अजय श्रीवास्तव ने कहा कि बांग्लादेश की टेक्सटाइल इंडस्ट्री को इससे गहरा झटका लग सकता है, क्योंकि अब वे भारत की जगह चीन से फैब्रिक आयात करेंगे, जिससे वैल्यू एडिशन और गुणवत्ता दोनों पर असर पड़ेगा। हज़ारों नौकरियां भी खतरे में हैं।
निष्कर्ष:
भारत और बांग्लादेश के इस नए ट्रेड टकराव में दोनों देशों को नुकसान हो सकता है, लेकिन बांग्लादेश के लिए यह कदम ज्यादा भारी साबित हो सकता है। भारत ने जहां अब तक बांग्लादेश को ज़ीरो टैरिफ की सुविधा दी हुई थी, वहीं भविष्य में यह नीति भी बदल सकती है।
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