Highlights (for News Website):
- सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार ने वक्फ कानून पर पीछे हटने का फैसला किया।
- कोर्ट ने साफ किया कि जब मामला विचाराधीन है, तब कोई बदलाव न किया जाए।
- सरकार ने भरोसा दिया कि अगले एक हफ्ते तक वक्फ कानून में कोई बदलाव नहीं होगा।
- ‘वक्फ बाय यूजर’ को वैध माना जाएगा, चाहे वो रजिस्टर्ड हो या अनरजिस्टर्ड।
- राज्य सरकारें फिलहाल नया वक्फ बोर्ड या काउंसिल नहीं बनाएंगी।

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वक्फ कानून पर सरकार ने लिया यू-टर्न, कोर्ट की सख्ती के बाद बनाई नई रणनीति!
नई दिल्ली: वक्फ संशोधन कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए फिलहाल कानून में कोई बदलाव न करने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले को कोर्ट की सख्ती और रणनीतिक कदम दोनों के तौर पर देखा जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को जानकारी दी कि अगले एक हफ्ते तक वक्फ कानून में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने भी स्पष्ट कर दिया कि जब मामला विचाराधीन है, तब मौजूदा स्थिति में बदलाव नहीं होना चाहिए।
सरकार ने तीन अहम बातें कही हैं –
- कोई नया संशोधन लागू नहीं किया जाएगा।
- ‘वक्फ बाय यूजर’ को रजिस्टर्ड हो या न हो, वैध माना जाएगा।
- राज्य सरकारें किसी भी प्रकार का नया वक्फ बोर्ड या काउंसिल फिलहाल नहीं बनाएंगी।
याचिकाकर्ताओं और विपक्षी नेताओं ने इसे सरकार की ‘मजबूरी में समझदारी’ कहा है। AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भले ही कोर्ट ने स्पष्ट स्टे नहीं दिया, लेकिन सरकार के बयान को स्टे के बराबर माना जा सकता है। वहीं, कांग्रेस के सीनियर वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट के रवैये को संतुलित और सकारात्मक करार दिया।
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