Highlights (Bullet Points):
PAK आर्मी चीफ असीम मुनीर ने ओवरसीज पाकिस्तानी कन्वेंशन में भारत के खिलाफ दिया भड़काऊ भाषण
कश्मीर और मजहब के नाम पर मुसलमानों को भड़काने की कोशिश
बलूचिस्तान और पीओके में जनता का सरकार और सेना के खिलाफ गुस्सा चरम पर
1971 जैसे हालात, फिर से बंट सकता है पाकिस्तान?
आतंकवाद और अलगाववाद ने पाकिस्तान को बनाया ‘दूसरा सीरिया’

Article (Rewritten for BetulHub):
क्या फिर टूटने वाला है पाकिस्तान? असीम मुनीर की भड़काऊ तकरीर से मचा हड़कंप
पाकिस्तान की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। इसी बीच ओवरसीज पाकिस्तानी कन्वेंशन में पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने एक बार फिर भारत और कश्मीर को लेकर जमकर जहर उगला। मुनीर के भाषण में सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि मजहबी उन्माद साफ दिखाई दिया—एक ऐसा उन्माद जो 1971 में बांग्लादेश (पूर्वी पाकिस्तान) के गठन से पहले याह्या खान की तकरीरों की याद दिलाता है।
बलूचिस्तान और पीओके की बगावत से घबराए मुनीर ने दिया मजहबी भाषण
जब देश की हालत खराब होती है, तब कई बार नेता जनता का ध्यान असल मुद्दों से हटाने के लिए मजहब का सहारा लेते हैं। यही कुछ पाकिस्तान में हो रहा है। बलूचिस्तान और पीओके में जनता का गुस्सा बढ़ रहा है, सरकार और सेना के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। ऐसे में जनरल मुनीर ने फौज को तैयार करने की बजाय मजहब के नाम पर मुसलमानों को एकजुट करने की अपील की है।
मुनीर की जुबान से निकले भारत विरोधी शब्द
मुनीर ने कहा, “हम हर पहलू में हिंदुओं से अलग हैं – धर्म, संस्कृति, सोच और महत्वाकांक्षाएं।” उन्होंने पाकिस्तानी अवाम से कहा कि वे अपने बच्चों को पाकिस्तान के निर्माण की कहानी सुनाएं। यह बयान दर्शाता है कि उन्हें पाकिस्तान की जमीन खिसकती नजर आ रही है।
बलूच विद्रोह को दबाने में फेल पाकिस्तान
बलूचिस्तान में पाकिस्तान की नाकामी अब जगजाहिर हो चुकी है। आए दिन ट्रेन हाईजैकिंग और सेना पर हमले हो रहे हैं। मुनीर ने दावा किया कि “1500 बलोच लड़ाकों की 10 पुश्तें भी बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग नहीं करवा पाएंगी”, लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट है।
दूसरा सीरिया बनता पाकिस्तान
ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स में पाकिस्तान अब दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा आतंकवाद-प्रभावित देश बन चुका है। स्थिति इतनी भयावह है कि आतंकवाद और हिंसा ने पाकिस्तान को सीरिया से भी बदतर हालात में पहुंचा दिया है।
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल में कहा कि “अगर पीओके भारत को वापस मिल जाए तो कश्मीर विवाद खत्म हो जाएगा।” वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पीओके को भारत का ‘मुकुट-मणि’ बताया और कहा कि जम्मू-कश्मीर तब तक अधूरा है जब तक पीओके भारत में नहीं जुड़ता।
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