Highlights:
- मुर्शिदाबाद हिंसा पर ममता बनर्जी और योगी आदित्यनाथ में तीखी बहस
- ममता ने योगी को ‘भोगी’ कहा, पद की गरिमा पर उठे सवाल
- योगी ने ममता सरकार को दंगों का जिम्मेदार बताया
- वक्फ बिल पर भड़की हिंसा का देशभर में असर
- ममता ने केंद्र सरकार और अमित शाह पर भी साधा निशाना
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ममता बनर्जी ने योगी को कहा ‘भोगी’: मुर्शिदाबाद हिंसा पर सियासी जंग तेज, गरिमा पर उठे सवाल
Murshidabad Violence Update | BetulHub
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच जुबानी जंग ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। मुर्शिदाबाद में वक्फ बिल को लेकर भड़की हिंसा पर जहां योगी आदित्यनाथ ने ममता सरकार को जिम्मेदार ठहराया, वहीं ममता ने पलटवार करते हुए उन्हें ‘भोगी’ कह डाला। इससे यह बहस अब व्यक्तिगत कटाक्षों तक पहुंच गई है, जिससे राजनीतिक गरिमा पर भी सवाल उठ रहे हैं।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ममता बनर्जी दंगाइयों को “शांति का दूत” कह रही हैं, जबकि बंगाल जल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता सरकार ने जानबूझकर इस हिंसा को भड़काया और केंद्र द्वारा लाए गए वक्फ बिल को लागू न करने का ऐलान कर लोगों को उकसाया।
ममता बनर्जी ने पलटवार करते हुए कहा, “योगी जी सबसे बड़े भोगी हैं। यूपी में महाकुंभ में लोगों की जान गई, हर दिन मुठभेड़ में लोग मारे जाते हैं। वहां रैलियां निकालने तक की इजाजत नहीं, और बंगाल पर सवाल उठाने चले आते हैं।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह पूरी हिंसा केंद्र सरकार की साजिश है, जिसका हिस्सा योगी आदित्यनाथ भी हैं। साथ ही ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को निशाने पर लेते हुए कहा कि वक्फ बिल देश को बांट देगा।
इस तीखी बहस ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सत्ता के शीर्ष पर बैठे नेता अपने पद की गरिमा बनाए रखने में असफल हो रहे हैं? लोकतांत्रिक बहस और मतभेद जरूरी हैं, लेकिन निजी हमले राजनीति को कितना नुकसान पहुंचाते हैं, यह भी सोचने का विषय है।
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