➡️Highlighted Words: गुदगुदी, मानसिक तनाव, सांस फूलना, मांसपेशियों पर असर, सेल्फ डिफेंस
➡️बेतुलहब न्यूज़ | बच्चों को गुदगुदी (Tickling) करना भले ही मजेदार लगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह उनकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है? कई रिसर्च में पाया गया है कि अत्यधिक गुदगुदी करने से बच्चे की मानसिक और शारीरिक सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि क्यों माता-पिता को इस आदत से बचना चाहिए।

☀️गुदगुदी से बच्चों को होने वाले नुकसान
1. जबरदस्ती हंसना, खुशी नहीं
गुदगुदी करने पर बच्चा हंसता जरूर है, लेकिन यह खुशी नहीं, बल्कि शरीर की एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया होती है। कई बार वह असहज महसूस करता है, लेकिन हंसने के अलावा कुछ कर नहीं पाता।
2. सांस फूलने और घबराहट का खतरा
लगातार गुदगुदी करने से बच्चे की सांस फूल सकती है और उसे घबराहट महसूस हो सकती है। खासकर छोटे बच्चों की श्वसन प्रणाली कमजोर होती है, जिससे यह समस्या और गंभीर हो सकती है।
3. सेल्फ डिफेंस की भावना कमजोर हो सकती है
अगर बच्चे को बार-बार गुदगुदी की जाती है, तो वह खुद को बचाने की प्रवृत्ति को खो सकता है। इससे वह भविष्य में भी अपनी असहजता को खुलकर जाहिर करने में हिचकिचा सकता है।
4. मानसिक तनाव और डर
अत्यधिक गुदगुदी बच्चों में तनाव और डर बढ़ा सकती है। उन्हें ऐसा महसूस हो सकता है कि वे अपनी बॉडी पर कंट्रोल खो रहे हैं, जिससे असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो सकती है।
5. मांसपेशियों पर असर और दर्द
लगातार गुदगुदी करने से बच्चों की मांसपेशियों पर दबाव पड़ सकता है, जिससे उनमें दर्द या ऐंठन की समस्या हो सकती है।
➡️क्या करें?
बच्चों को हंसाने के अन्य तरीके अपनाएं, जैसे कि मजेदार कहानियां सुनाना, खेल-खेल में बातचीत करना या हल्के चुटकुले सुनाना। इससे बच्चे बिना किसी असहजता के खुश रह सकते हैं।
🌟नोट: यह जानकारी विभिन्न अध्ययनों और जानकारियों पर आधारित है। किसी भी निर्णय से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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