Highlighted Words: दानिश तैमूर, चार शादी, पाकिस्तान, मुस्लिम फैमिली लॉ, सोशल मीडिया विवाद
दानिश तैमूर के ‘चार शादी’ बयान पर पाकिस्तान में हंगामा, सोशल मीडिया पर बहस तेज
पाकिस्तान के मशहूर अभिनेता दानिश तैमूर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे कहते नजर आ रहे हैं कि अगर वे चाहें तो चार निकाह कर सकते हैं, क्योंकि अल्लाह ने इसकी इजाजत दी है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वे ऐसा नहीं कर रहे, लेकिन कोई उन्हें यह अधिकार छीन नहीं सकता।

वीडियो वायरल होते ही मचा बवाल
इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर जबरदस्त बहस छिड़ गई। खासतौर पर इसलिए क्योंकि उनकी पत्नी आएजा खान, जो खुद पाकिस्तान की सुपरस्टार हैं, वीडियो में इस बात पर हामी भरती दिख रही हैं। कई यूजर्स का कहना है कि जब सेलेब्रिटीज ऐसी सोच रखते हैं तो आम जनता पर इसका क्या असर पड़ेगा?
हालांकि, जब विवाद बढ़ा, तो दानिश तैमूर ने सफाई दी कि उनकी कोई गलत मंशा नहीं थी। लेकिन लोग इस बात से नाराज हैं कि वे यह जताने की कोशिश कर रहे हैं कि वे चार शादी कर सकते हैं, लेकिन फिलहाल अपनी पत्नी से प्यार करने की वजह से नहीं कर रहे।
क्या कहता है पाकिस्तान का कानून?
पाकिस्तान में एक से अधिक शादियों की इजाजत तो है, लेकिन इसके लिए पहली पत्नी की अनुमति जरूरी होती है। 1961 के मुस्लिम फैमिली लॉ ऑर्डिनेंस के तहत, यदि कोई पुरुष दूसरी शादी करना चाहता है, तो उसे अपनी पहली पत्नी से इजाजत लेनी होगी।
यह कानून 1955 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोहम्मद अली बोगरा की दूसरी शादी के बाद बने विवाद की वजह से आया था। जब उन्होंने अपनी पहली पत्नी की सहमति के बिना दूसरी शादी कर ली थी, तो पाकिस्तान में महिलाओं ने इसका विरोध किया था, जिसके बाद यह कानून लागू किया गया।
लोगों की प्रतिक्रियाएँ – समर्थन और विरोध
दानिश तैमूर के बयान पर मिश्रित प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि उन्होंने किसी गलत चीज का समर्थन नहीं किया, बल्कि सिर्फ इस्लाम में दी गई इजाजत की बात कही है। वहीं, कई लोग उनके बयान को महिलाओं के सम्मान के खिलाफ मान रहे हैं।
कुछ यूजर्स ने यह भी सवाल उठाया कि अगर आएजा खान को कोई आपत्ति नहीं, तो बाकी लोगों को क्यों हो रही है? दूसरी ओर, कुछ लोगों का मानना है कि इतने बड़े मंच पर इस तरह की बात कहकर महिलाओं को शर्मिंदा किया गया।
निष्कर्ष
दानिश तैमूर का यह बयान चार शादी पर जारी बहस को और तेज कर चुका है। जहां कुछ लोग इसे इस्लामिक मान्यताओं के तहत सही ठहरा रहे हैं, वहीं कुछ इसे महिला अधिकारों के खिलाफ मान रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का अंत किस ओर जाता है।
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